ये राता
कीले होली होणी उदास ये राता
को भीणीच अब मेर साथ
सुरक कैकी तो आजा ये राता
तू च छे अब मेरा साथ
कीले होली होणी....................
नींदी सों सों कोस दूर
स्वामी जी का साथा
निरजक आके येजा मेर पासा
मेर पास तू ये राता
कर म्यार दगाडी थोड़ी बाता
कीले होली होणी....................
बीता पंखी का मणमा ये बाता
जगादु हुक हुक की ये राता
तू भी छे आज क्या स्वामी का साथा
तै मा क्या छुपाण ये राता
बीत स्वामी संग हमरी जो राता
कीले होली होणी....................
जब हुंदी छुयीं माया की
माण की गेयेढ खुल जाणद
सुआण का मैना याद ओं की आंदा
रात राणी सी फुली जाणद
कै मा लगणद ये पीड़ा ये राता
कीले होली होणी....................
कीले होली होणी उदास ये राता
को भीणीच अब मेर साथ
सुरक कैकी तो आजा ये राता
तू च छे अब मेरा साथ
कीले होली होणी....................
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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