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काठनईयां



काठनईयां

जीवन की काठनईयां
सबको जीना सीखा देती 
सावन की हरयाली 
सबक मन लुभाती है 
जीवन की काठनईयां......

पतझड़ मै पत्ते भी साथ छुड़ देते हैं
बुरे वक़्त मै अपने भी मुंह मोड़ लेते हैं
तंग गालीयौं मै सदा ये दोस्त 
तंगी का नजारा नजर आता है 
जीवन की काठनईयां......

गरीबी का सदा देखा हमने भी 
क्यों आमीरी से कीनार होता है 
बहती नदी सदैव आगे ही बहती है
कीतने ही रोडे मीले सागर मै ही जाकर मिलती है 
जीवन की काठनईयां......

सूरज की कीरणे रोज 
सदा रोशनी ही बेखर जाती है 
चाँद की चांदनी वो देखो 
मन मै डुबो जाती है 
जीवन की काठनईयां......

जीवन की काठनईयां
सबको जीना सीखा देती 
सावन की हरयाली 
सबक मन लुभाती है 
जीवन की काठनईयां

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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