नचैडी
कण नचणी....२ नचैडी वा
कण नचणी....२
भुल्ह को ब्योच कण नचणी
लस्का धसका लगाणी नचैडी वा
कण नाचणी....२
जमा होयां गाम की बेटी ब्वारी आज
चौका लगी कण ये बहार
गड्वाली गीतों की उधाण
भुल्ह थै आज ब्योला बणाण
कण नचणी ....२
एक दुई का मार ठुमका
दीदी भुलीयुं तुम भी मार झम्पा
दे दै साथ मेरा दगडीयुं
हार णा माणा मेरा सखीयुं
कण नचणी ....२
खैरी विपदा भुल्दै
गढ़ देश मी थै बाथदै
आपर अन्गोली मा बोई
दुई घड़ी मी थै हसा दै
कण नचणी ....२
मासों बाजा सुरीला
ढोल दामू जरा छुंयीं लगा
खूटी मेरी तु आज खीदा
मेर पीड़ा थै भुल्ह
कण नचणी ....२
कण नचणी....२ नचैडी वा
कण नचणी....२
भुल्ह को ब्योच कण नचणी
लस्का धसका लगाणी नचैडी वा
कण नचणी ....२
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ