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सुप्रभात प्याली


सुप्रभात प्याली

अदरक वाली प्याली हो 
दूध के बिना वो काली हो 
जीव्ह लगे गलों मै लाली हो 
चया की पत्ती वो निराली 

सुबह सुबह की बेल हो
ओ साथी ओ सहेली हो 
अगणीत एक पहेली हो 
पीते ही चुस्ती की हमजोली हो 
अदरक वाली प्याली हो 

आया हों उस नगर 
फिरता हों अब दरबदर 
मिलेगा हमे हमसफर 
कप प्याली का बसेर हो 
अदरक वाली प्याली हो 

अदरक चीनी का मेल 
एक अद्भुत जल खेल हो 
गर्म गर्म की वो मिठास 
बस अब जल्दी सवेर हो 
अदरक वाली प्याली हो 

अदरक वाली प्याली हो 
दूध के बिना वो काली हो 
जीव्ह लगे गलों मै लाली हो 
चया की पत्ती वो निराली 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com

बालकृष्ण डी ध्यानी 
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