माया बिसरी
बिसरी बिसरी गैण
तीसलू तीसलू रैण
खुदमा बैठी खुदैड़ी
छुंयीं लगा दे डंडाली...२
बिसरी बिसरी गैण
घसा की गठरी गठरी
पीड़ा की गोठरी
मै दगडी माया लगे ये
रोटी सगा की टोकरी...२
बिसरी बिसरी गैण
डंडा मा कोयेडी कोयेडी
जीकोडी मा धोंप्यान्ली
लोंप्यान्ली माया गढ़ की
बाटों बाटों मा हेरा ली ....२
बिसरी बिसरी गैण
कुदु का बीज बीज
पुंगडु मा सखी पेराली
बंजा पड़ा मेरा भागा
ग्दनीयु दगडी बोग्यली ...२
बिसरी बिसरी गैण
ये रास्ता याखाडु याखाडु
उन्दारू वा उकलू
छुडी गैना जो भी यख
माया का जी को उधारु ...२
बिसरी बिसरी गैण
तीसलू तीसलू रैण
खुदमा बैठी खुदैड़ी
छुंयीं लगा दे डंडाली...२
बिसरी बिसरी गैण
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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