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बंद दरवाज





बंद दरवाज

बंद दरवाज
ये किसने बंद कर दिया
शायद मै ही वो
जिसने नै ये कम किया
ना ही किस्ही का शोर
ना कोई परवाज है यहाँ
इसह कमरे मै मेरा ही राज है
यहं चलता है मेरा ही काज
बंद दरवाज

रास्ते मै यूँ ही फिरता रहा
आपने आप से  ही लड़ता रहा
काठनायिओं से आपने ही जुजता रहा
फिर एक एक क्या किया
बंद दरवाज

आपनी नाकामी की याद दिलाता है
सीने से निकला आता है
जो गम छिपा इसह मै
आशों के सहारे बहा जाता है
बंद दरवाज

इतना अँधेरा किया है मैने
आपने हे चाहों और की
रोशनी चाहै तो भी नहीं आ सकती
बाती जलाने से डरता है
बंद दरवाजा

मेरा मन का विचार है
बड़ा डरपोक सविचार है
आपने ही आप मै रह कर ये
किसी करेगा विश्व का निर्माण
बंद दरवाज

ना कोई आएगा यहाँ और
ना कोई जयेगा यहाँ से
मेरी आशायें  मुझ मै सिमट जायगी
और रहा जायेगा यहाँ अंधेरे का सम्राज्य
ये बंद दरवाज

अरे तू खुलेगा की नहीं इस  से 
ये बंद दरवाज  ................?


कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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