ढल ते ही शाम
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
दिये के जलते ही घर रोशन होआ
दिल मै अँधेरा अब भी खोया होआ
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
बीते पल मै छुपा है हजारों गम
उससे ही शायद मेरी आंखें नाम
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
करता रहा इंतजार आयगी वो शाम
घर की तरह चमकेगा दिल सुबह शाम
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
इश युग मै मोहबत के नाम से सब हैरान
आयेगा कोई नहीं लैला मजनूँ के समान
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
दिये के जलते ही घर रोशन होआ
दिल मै अँधेरा अब भी खोया होआ
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
बीते पल मै छुपा है हजारों गम
उससे ही शायद मेरी आंखें नाम
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
करता रहा इंतजार आयगी वो शाम
घर की तरह चमकेगा दिल सुबह शाम
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
इश युग मै मोहबत के नाम से सब हैरान
आयेगा कोई नहीं लैला मजनूँ के समान
ढल ते ही शाम अश्कूं को थाम
जीवन की घडियों को क्या दे नाम
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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