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अकेलेपन की अकेलेपन की मेरी व्यथा रे

अकेलेपन की अकेलेपन की मेरी व्यथा रे 

की आयी की आयी उनकी याद
सहमी बड़ी सहमी सहमी सी वो रात 
नीगोडी  नीगोडी  सी वो बरसात  
पल पल अन्खीयाँ  सै बरसाये बरसात
की आयी की आयी उनकी याद........

नैना बडे नैना है नादाँन
यादों मै यादों मै उनकी हरदम साथ
अकेले ही अकेले ले ले मेरी जान 
दिल की मेरे दिल की कारें उन सै पहचान 
 की आयी की आयी उनकी याद..............

बीत गयी बीत गयी सारी रतियाँ 
उनकी खाबूं उनके खाबूं मै ये अख्यीओं 
नैना रहे नैना रहे असमान को तक तै 
नजर आजाये नजर आजाये कंही चाँद मै 
की आयी की आयी उनकी याद..............

सुबह के रैना सुबह के रैन नै न साथ दिया 
फिर भी बरस रही  बरस रही बरसात रे
झिलमिल करती रही उनकी यादों मै याद रे 
दिल मेरे दिल मेरे दे दे मेरा साथ रे 
की आयी की आयी उनकी याद..............

दोपहर की दोपहर की क्या बता वे
शाम के शाम के पहले की बात थी 
उनसे मेरी उनसे मेरी मुलकात थी 
खाबुं मैं  खाबुं मैं  ओ मेरे साथ थे
की आयी की आयी उनकी याद..............

सूरज ढल रे सूरज ढल रे 
अभी तो उनको बोला रे अभी तो उनको बोला रे 
कैसे मै खुद मनवा रे कैसे मै खुद मनवा रे 
यादों की मेरी यादों की मेरी दास्ताँ रें
अकेलेपन की अकेलेपन की मेरी व्यथा रे 
की आयी की आयी उनकी याद........

की आयी की आयी उनकी याद
सहमी बड़ी सहमी सहमी सी वो रात 
नीगोडी  नीगोडी  सी वो बरसात  
पल पल अन्खीयाँ  सै बरसाये बरसात
की आयी की आयी उनकी याद........

बालकृष्ण डी ध्यानी 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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