बरखा गिरी झम झम
कोयेडी लोंपी टम टम
चाल पोअडी दम दम
बोंड की नींद टूटी टन टन
बरखा गिरी झम झम
गदयूं मा आ यी उफान
माछों की अब भरमारा
माछोंरा दादा उठो धाम धाम
जालु यानी फैंकी सम सम
बरखा गिरी झम झम
साथ बिजणानो गोथडी
पोंगाडी मा गयी बोडी
सरियों मा धान बोअयी
अपड़ो मा माया लगानी
बरखा गिरी झम झम
सक्लूँ मा गया छुरूं
भीज ना तुम जयां
छींक आली छान छान
नंको शिफ पुडै थल थल
बरखा गिरी झम झम
पदनी को क्याचा हाल
राती बथैक च्या बीमार
पदानू को च्या बुरो हाल
वैध बान हीटगे उन्दरी उकल
बरखा गिरी झम झम
डौक्टर छे माला माल
बीमारी की आयी साथ
इंजेकशन लगी सुं सुं
बटवा का टक पडी धन धन
बरखा गिरी झम झम
कोयेडी लोंपी टम टम
चाल पोअडी दम दम
बोंड की नींद टूटी टन टन
बरखा गिरी झम झम
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ