बुआडी हातों मा देखी मोबाइल
जिकूड बराडा ह्येगायाई घयेल
काना मा धैर्यी छुंयी लगणी
अन्ख्यू मा सपना रंग्यणी
देखणी जशी नारंगी की दाणी
हसणी भली दांतों की पाटी
बुआडी हातों मा देखी मोबाइल
जिकूड बराडा ह्येगायाई घयेल
नका की नथुली काना की कंदूरी
गला मा माला उंगली मा मुद्री
बुडी देख मेरी कण सजाणी
गवा की बाटी बाटी मा अब हीटणी
बुआडी हातों मा देखी मोबाइल
जिकूड बराडा ह्येगायाई घयेल
बाड़ा अब म्यरु ध्यें लगाणु
जिकोड़ थै अपरु कीले झुराणु
बुडी लूछि लेगे लोगों को परण
बोडा की बोड़ी बोल्यूं ना मना
बुआडी हातों मा देखी मोबाइल
जिकूड बराडा ह्येगायाई घयेल
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ