ये मेरा बुअडी
क्या ये कानी च
कण सुता लेनी च्या
धुन्हा उड़ानी चा
बण्डल लुकानी च
केथी खुज्यनी च
बीड़ी धुंह जीकोडी लोंप्याली
पहाड़ मा जीन्दगी धोंप्याली
सदनी की खैरी मा ये भुला
अपर बना थोडा टैम चुर्याली
ये मेरा बुअडी
क्या ये कानी च
दुई उन्गाल्यूं मा धरी
आँखोंन सपूनिया बोणी
अपडों की बाटा हेरी
कब आली उनकी फेरी
यान आश होणी
ये मेरा बुअडी
क्या ये कानी च
बास्ग्यल गैणी
हीवाला आईणी
बोरंशा फूल खिलाला
जब फागुन येई म्यार बटा
कोइई भी णी येई
ये मेरा बुअडी
क्या ये कानी च
यान मयारू जीवान गैनी
संग म्यरु कोइईनी
सुटून कु साथ च्या दागडया
धुहाँल भी मी थै णी खाई
ये मेरा बुअडी
क्या ये कानी च
कण सुता लेनी च्या
धुन्हा उड़ानी चा
बण्डल लुकानी च
केथी खुज्यनी च
बालकृष्ण डी ध्यानी
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ