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मेरु उत्तराखंड

मेरु उत्तराखंड 

आम की डाली  सुवा काचा आम
यूं डाली देखि सुवा  आणि छ बालपन याद 

किन्गुडा की सी सयानी मेरी 
कन्ही भाली देखती जस्ही नारंगी की डाणी

काफल लग्यावाला सूओं दलियूं  मा
मैता की याद  आइगे यूं अखियूं मा

कुयाड़ी छयी यूं  ऊँचा ऊँचा डान्दियूं  मा 
म्यार स्वामी की छवी इएन  मंखियूं मा 

टेहरी डम दीदा  भारत का माना
ऊँचा आकाश लिखागे  उत्तराखंड का नामा 

ऊँचा हिमाला जमी हिवाला का थाना
बद्री केदार जण वाला कु भाग्यंन

देव भूमि छ मेरी म्यरु छ  ये गड
एक चारणि म्युरु सत सत छ  नमन


बालकृष्ण डी ध्यानी 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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