हे ............छुरी
हे ............छुरी
लासका ढसका ना हीट दी
तेरी धुपली बोलदी
युं ना सडकी तु हीट दी
गीत माया का लग्की
तेरी धुपली बोलदी
हे ............छुरी
डंडी कंडी ये गुँजती
घाष को तु जब जाण दी
उदेहड़ गीत ना लगा दी
डेभरा बाकर जब चाराण दी
गीत माया का लग्की
तेरी धुपली बोलदी
हे ............छुरी
म्यार दिल लुछी जाणद
तेरी स्वाणी सी मुखडी
तयार पीछणे पीछणे अन्द
ती थे आपड वो बाणद
गीत माया का लग्की
तेरी धुपली बोलदी
हे ............छुरी
तु देखले वो चाँद
तेरी मुखडी को समान
बता मेर तु अब मान
लेके आणु छु बारात ..............(३)
गीत माया का लग्की
तेरी धुपली बोलदी
हे ............छुरी
लासका ढसका ना हीट दी
तेरी धुपली बोलदी
युं ना सडकी तु हीट दी
गीत माया का लग्की
तेरी धुपली बोलदी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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