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मेरे प्रभु


मेरे प्रभु 

राधा राधा पुकरे घनशयाम
मेरे श्याम मेरे श्याम 
दर्षन दे दो मोहन प्यारे 
बैचैन तन मन नैन हमारे 
इन को कुछ ना अब कम 
राधा राधा पुकरे घनशयाम......

साँझ सवेरे सखा तेरे 
अब तेरा ही ध्यान 
इस मन विराजो भगवान 
तुम मेरे मोक्ष धाम 
राधा राधा पुकरे घनशयाम......

जग जोगी वाला फेरा 
ना कुछ तेर ना मेरा 
मन मंदिर के अंधेरो को 
अब दूर करो मेरे श्याम 
राधा राधा पुकरे घनशयाम......

बीच भंवर मै गुड गुअटा
खाये शरीर रूपी ये नवा 
भवसागर से पार लगदु 
मुझ को अपना चरण देखा दु श्याम 
राधा राधा पुकरे घनशयाम......

बंशी की धुन लगदु 
मुझ को आपना अब बन दु
अब मुझे नहीं कुछ कम 
तेरा ही नाम अब सुबह शाम घनशयाम......
राधा राधा पुकरे घनशयाम......

राधा राधा पुकरे घनशयाम
मेरे श्याम मेरे श्याम 
दर्षन दे दो मोहन प्यारे 
बैचैन तन मन नैन हमारे 
इन को कुछ ना अब कम 
राधा राधा पुकरे घनशयाम......

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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