म्यार सुप्नीय मेर ब्युओली का
फूओटो देखी की तेरी, जीकोड़ी मेरी होग्याई धक्
बोल्याली बोल्याली मील ये बोल्याली बस बस बस
अब णी खोज्यणी बल अब णी खोज्यणी
ती थै ही अपर मील ब्युओली अब बाणणी बस
फूओटो देखी की तेरी, जीकोड़ी मेरी होग्याई धक्
माया लगाणी लगी छुरी तेरी फूओटो अब
दीवाणु सु होगया छुची तेरी फूओटो देखी जब
कब होंली भेंट तेरी रात दीण सुच्णु अब
क्या बोलालू मी ती थै भेंट जब होंली तब
फूओटो देखी की तेरी, जीकोड़ी मेरी होग्याई धक्
येजा येजा छुची फूओटो चोखट भैर अब
कण धक् धक् धणक मेरी जीकोड़ी देख
गीचुड़ी जुबान अंखा मेर व्हे ग्या ठप
देख्दा ती थै मी बल देखदी रेर्हैग्युं बोल्या सा व्हेगयुं
फूओटो देखी की तेरी, जीकोड़ी मेरी होग्याई धक्
अब मेरा ये हल छिन बयुअला बाणु क्या होलो तब
तैर फूओटो मा क्या बात छान मी क्या बोलू अब
बार गाती की ब्य्हा च डोला चडुल तेरा गुओं आलो झाम
दागडया भी नाच द छान ये हमरी बारात छान
फूओटो देखी की तेरी, जीकोड़ी मेरी होग्याई धक्
अब म्यारी नींद टुटे बल तेरी फूओटो ही हाथ छान
फूओटो देखी की तेरी, जीकोड़ी मेरी होग्याई धक्
बोल्याली बोल्याली मील ये बोल्याली बस बस बस
अब णी खोज्यणी बल अब णी खोज्यणी
ती थै ही अपर मील ब्युओली अब बाणणी बस
फूओटो देखी की तेरी, जीकोड़ी मेरी होग्याई धक्
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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