हिंदी दिवस
मनाये और कल हम इसे भुल जायें
चलो आज हम हिंदी दिवस मनाये
मनाये और कल हम इसे भुल जायें
गुल सा उसे हम मिलकर खिलायें
मुरझा ये तो हम उसे भुल जायें
चलो आज हम हिंदी दिवस मनाये
राष्ट्रभाषा का ये हर्षा ना देखा जाये
चलो १४ सितम्बर के दिन हिंदी दिवस मनाये
अंग्रजी देखो मन ही मन मुसकुराये
हमरे मस्तक उसके मुख आते ही तन जाये
चलो आज हम हिंदी दिवस मनाये
हिंदी भी अब हमारी देखो सकुचाये
राष्ट्रभाषा कहने से ही लज्जा ये
दुर पड़ी राद्दी दुकान मै बीक जाये
भारतवर्ष सुनहरे पन्नो से ना खो जाये
चलो आज हम हिंदी दिवस मनाये
चलो आज हम हिंदी दिवस मनाये
मनाये और कल हम इसे भुल जायें
गुल सा उसे हम मिलकर खिलायें
मुरझा ये तो हम उसे भुल जायें
चलो आज हम हिंदी दिवस मनाये
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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