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बुंदै

बुंदै 
हल्की हल्की बूंदे
जो तन को छुये
तु ये मन कहे
आ भी जा आ भी जा 
की मोसम पुकारे 
समझो इशारे 
हल्की हल्की बूंदे

अभी जा .....................२
कर लो प्यार ओ जाने जाँ
फिर ना मीलेग येसा मोसम 
कहता है ये दिल दीवान 
हल्की हल्की बूंदे.................२

मुझे पता है की तू आयेगी 
इस घटा सी छहयेगी
कड़ाके इस बीजरवा की तरह
आके इन बाँहों मै सम जायेगी 
अभी जा ................................२

इतना ना तडपाओ सनम 
बैचैन कंही ना हो जाये हम
मुरझये गुल की तरह 
कही फिर ना खिल पाये हम 
हल्की बूंदे .........................२

हल्की हल्की बूंदे
जो तन को छुये
तु ये मन कहे
आ भी जा आ भी जा 
की मोसम पुकारे 
समझो इशारे 
हल्की हल्की बूंदे 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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