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मेर बोली मण खोली


मेर बोली मण खोली 

सही बोली सही तोली
गड्वाली मेर बोली 
कण भोली मण खोली 
पहाडै की ये बोली 
सही बोली सही तोली.........

हे दीदी है भुली 
दगडी तु मेर बोली 
देख पहाडा कण डोली 
मन बोली ये बोली 
सही बोली सही तोली.........

माया ये लागुओंदी या 
आपडा ये बानोणदी या 
जीकोडी छुंयी ये बोली 
मन्ख्युं का बीच ये डोली 
सही बोली सही तोली.........

डंडा कंडा ये गुंजी 
बंशी भीतर ये बोली 
घाष कुल्हं जाण बहणी
बल्द घंड सी ये बजणी 
सही बोली सही तोली.........

पंतेदार ये ब्चाणी 
पुंगड देख ये सजणी 
हीन्सोंल काफल की ये दाणी
बुरंश प्योंली सी लज्जाणी 
सही बोली सही तोली.........

गुओं गुओंल्युओं ये झूमी 
परदेश मा अपड भुली 
खुदमा मा ये देख खुदाईणी 
बाटा अपरू की देख हेरणी
सही बोली सही तोली.........

आंखी देख कण बाहणी 
बरखा जाण ये भीगैणी 
बारमास म्यार दगडी 
इंका बीणा मील कण रहैणी 
सही बोली सही तोली.........

सही बोली सही तोली
गड्वाली मेर बोली 
कण भोली मण खोली 
पहाडै की ये बोली 
सही बोली सही तोली.........

बालकृष्ण डी ध्यानी 
देवभूमि बद्री-केदारनाथ 
मेरा ब्लोग्स 
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत


कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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