नोछामी नारैण निती देख
देख देख राजनिती देख
देख देख खंड निती देख
देख देख उतरखंड नेताओं की निती देख
अब तु भा जा प निती देख
देख देख राजनिती देख
रंग बदले ढंग बदले
राजा बदले ताज बदले
पर समाज ना बदल पाये
चुनवा जब नजदीक आये
निशंक करू बाये बाये
देख देख कमल निती देख
देख देख राजनिती देख
लोकशाही जातिवाद
की अब रणनिती देख
जन का मन बदलने
अब खंडोरी निती देख
हम को ना देख अब तक
ये गड़ को क्या देखेंगे
राजधानी के नाम पर
अस्थाई निती देख
कब आया हाथ
कब उठाया कमल
ना निकल इन मै भी बल
दस साल पहले जैसा था
वैसा ही है हमरा गड़
कोई भी आये या कोई जाये
हमरी आशा बस टंगी है
उनकी की खुंटी पर
देख देख खुंटी निती देख
देख देख राजनिती देख
देख देख खंड निती देख
देख देख उतरखंड नेताओं की निती देख
अब तु भा जा प निती देख
देख देख राजनिती देख
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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