वो दो पल
मीले जब भी दो पल
तुम्हरे पास आ बैठा
कीसी ख्याल मै
अपने को उलझा बैठा
मीले जब भी दो पल
कभी दिल से
कभी मन और तन से
प्यार कर बैठा
मीले वो पलछिन
तु उनसे बात कर बैठा
पल के लिये तडपा
पर छीन के लीये
उदास हो बैठा
मीले जब भी दो पल
आँखों को देख उठा के
कोंन रहता इस दिल मै
जीसे तुने देख
या फिर छुपाया
इस दिल मै
कभी आँखों से इकरार होआ
या दिल पे इतबार कीया
बता कीस से तुने प्यार कीया
मीले जब भी दो पल
बात करना चाह था
बात करने ना दिया
इस मै दिल का का
या दीमाग का दोष था
बस तुम्हरी खुबसूरत
अदा का वो होश था
वो दो पल मैने देखो
कैसे ही खोदीये
तनहाई संग वो सो गये
मीले जब भी दो पल
मीले जब भी दो पल
तुम्हरे पास आ बैठा
कीसी ख्याल मै
अपने को उलझा बैठा
मीले जब भी दो पल
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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