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क्या तुम्हे याद है



क्या तुम्हे याद है 

क्या तुम्हे याद है वो पहली मुलाकात 
जब मेरी आँखों नै की थी कोई शरारत 
इन हाथों का छुना वो पहला स्पर्श 
आँखों आँखों मै इकरार इंकार होना 
मदहोश कर दीया था मुझे 
क्या तुम्हे याद है वो पहली मुलाकात 

वो कशीश आज भी बरकरार है 
याद आते नीखर सा जाता हों मै 
उन पलों यादों मै समां जाता हों मै
तेरी और खीचा चला आता हों मै 
क्या तुम्हे याद है वो पहली मुलाकात

वो बारीश की फुहार आपनो का प्यार 
सुँदी सुँदी मट्टी की वो खुसबु 
वो इन्द्रधनुष के सात रंग का खिलना 
आठवां रंग तेरा मेरे जीन्दगी मै मिलना 
क्या तुम्हे याद है वो पहली मुलाकात

क्या तुम्हे याद है वो पहली मुलाकात
जब मेरी आँखों नै की थी कोई शरारत 
इन हाथों का छुना वो पहला स्पर्श 
आँखों आँखों मै इकरार इंकार होना 
मदहोश कर दीया था मुझे 
क्या तुम्हे याद है वो पहली मुलाकात

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी 
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