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मी बनगयुं शराबी.....


मी बनगयुं शराबी..... 

मीइ ई ई ... मी मी मी 
मी बनगयुं शराबी 
बस ईच मी मा खराबी 
मी रुन्ल्युं गद्न्युं का साणी
मी बनगयुं शराबी..... 

रोज रोज मी थै चैन्दु
ये बीगैरी मी थै णी जमणु 
सवेर शाम ये ही धंदा 
कभी फुटू कपाल कभी घुंडा
मी बनगयुं शराबी........

कुटम दरी भी छुटी 
बेटी-ब्वारी भी रूठी 
गौं-गुओंलयुनो जंदु
अपरी फजती खुब करंदु 
मी बनगयुं शराबी...........

कैका नजरों मा मी चढ़ दो
कोई दैखीक मी भोंयाँ ताण दो 
जब जब नशा उत्तरदी
दारू ल मी तिष बोजंदु 
मी बनगयुं शराबी...........

मेरी सोंजड्या कखक ग्याई
मी थै बोल्या बाणाई 
दारू बोतल साथ दयी 
मील पुंगडी भी गँवाई 
मी बनगयुं शराबी...........

मीइ ई ई ... मी मी मी 
मी बनगयुं शराबी 
बस ईच मी मा खराबी 
मी रुन्ल्युं गद्न्युं का साणी
मी बनगयुं शराबी..... 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 


कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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