ऋषिकेश से कर्णप्रयाग जाली वा
देख देख तू भी देख भारतीय रेल तू भी देख
कण चलणीच देख अब ये रेल
पहड़ों मा लास्का दस्का लगाण
होली वा नाखर्याली जाण बांद
देख देख तू भी देख भारतीय रेल तू भी देख
सपना अब पूरा वाहला
जो हमारा आँखोंल देख
आली वा बेटी बाण या
लागली बावरी सी वा
देख देख तू भी देख भारतीय रेल तू भी देख
गोचार५ नवम्बर २०११ को आली वा
पहाड़ों को करणी देख-रेख
अपरा हाथों सजली वा
छुयीं हमरी लागली वा
देख देख तू भी देख भारतीय रेल तू भी देख
बथों मा ठंडी बायरा लाहली वा
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग जाली वा
उत्तरखंड की महीमा अब गाली वा
बद्री-कदर धाम कब आली वा ?
देख देख तू भी देख भारतीय रेल तू भी देख
दीदी बेटी ब्वारी तुम भी आवा
दादा भूलह बाडा तुम भी गाव
चल झट कर ना हो जाये देर
देर-सवेर अब देव भूमि मा येगे रेल
देख देख तू भी देख भारतीय रेल तू भी देख
देख देख तू भी देख भारतीय रेल तू भी देख
कण चलणीच देख अब ये रेल
पहड़ों मा लास्का दस्का लगाण
होली वा नाखर्याली जाण बांद
देख देख तू भी देख भारतीय रेल तू भी देख
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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