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एक यैसी क्रांती गंगा की खातिर


एक यैसी क्रांती गंगा की खातिर

एक तरफ शोर था 
एक तरफ मोंन था 
एक भीड़ मै चल जा रहा था 
एक अकेला आगे बड़ आ रह था 
एक तरफ शोर था ..........

एक यैसी भी क्रांती थी 
स्वामी निगमानंद यैसी अंधी थी 
जिसे ना जान पाया कोई 
ना ही मान पाया कोई 
एक तरफ शोर था ..........

माँ गंगा की खातिर अनशन था 
खनन माफियाओं चंगुल से मुक्त गंगा हो 
७४ दिनों तक बिना खाए अनशन 
पर डाटा रहा वो वो वैकुण्ठ का रही 
एक तरफ शोर था ..........

जन्हाँ गुमशुद सरकार थी 
और बेसुअद हमरी कोम थी 
परवाह ना की उस बलिदानी की 
जिसे माँ गंगा की होड़ थी 
एक तरफ शोर था ..........

आखरी पडवा भी आया दुखद 
लावारिश की तरहां वो मौत होई 
रामदेव अनशन तोड़ निशंक लगा रहा 
निगमानंद वहं खामोश मौत होई 
एक तरफ शोर था ..........

देवभूमी मै लोगों सचाई छुड गयी 
अपने मोंन करण वो सो गयी 
आओ नत मस्तक आंखें छालकायें
अपनी इस करनी पर हम लजायें 
एक तरफ शोर था ..........

एक तरफ शोर था 
एक तरफ मोंन था 
एक भीड़ मै चल जा रहा था 
एक अकेला आगे बड़ आ रह था 
एक तरफ शोर था ..........

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी
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