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धणड़ पड़यूँ ये पहड़मा


धणड़ पड़यूँ ये पहड़मा

कण धणड़ पड़यूँ ये पहड़मा
बोई बर्फ ही बर्फ होग्याई
पहाड़ों मा चलदी ये बथों 
बोई सर्द ही सर्द होग्याई 
कण धणड़ पड़यूँ ये पहड़मा......

दूर डंडा जब मी देखादु
बोई हरयाली लुक ग्याई
मेरा पहाड का सड़की
कखक बोई छिप ग्याई
कण धणड़ पड़यूँ ये पहड़मा......

बाल बाच्चों का हाल होयां 
दण बोड़या बेहाल होंया 
बेटी ब्वारी कंणकै तिल रैण 
बोई खैरी विपद का गढ़ होंयाँ 
कण धणड़ पड़यूँ ये पहड़मा......

सवेर णी सवेर रहाई 
दोपहरी को भी घाम णी आयी 
ब्योखनी मोल्या ग्याई
रात मा मीथै बोउल्या ग्याई
कण धणड़ पड़यूँ ये पहड़मा......

कण धणड़ पड़यूँ ये पहड़मा
बोई बर्फ ही बर्फ होग्याई
पहाड़ों मा चलदी ये बथों 
बोई सर्द ही सर्द होग्याई 
कण धणड़ पड़यूँ ये पहड़मा......

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 
बालकृष्ण डी ध्यानी 
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