मेरु झोल
ये मेरु झोल रै
मै दगडी चल
तूच मेरु गेलु
मै दगडी चल
जख भी जोंला
दगडी दगडी जोंला
गीत खैरी का
दगडी लागोंला
ये मेरु झोल रै
तै बीण यकुली
मी कण कै रयुलो
दोई साथी सुख-दुःख का
आपी मा लागुन्ला
ये मेरु झोल रै
गीच ना खोली
तो कुछ ना बोली
साथ हीटले मेरा
ना इन दुओंड़ी
ये मेरु झोल रै
रूस ना मै से
ये मेरा झोल
तु रूस गै मैसै
मै कै दगड बुलोलों
ये मेरु झोल रै
ये मेरु झोल्ह रै
मै दगडी चल
तूच मेरु गेलु
मै दगडी चल
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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