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अपरा आपरी मा


अपरा आपरी मा 

मी अपरा आप मा ही बच्याणु लग्युं 
दुनीया क्या च खुद थै समजाणु लग्युं 
मी अपरा अपरा मा ही बच्याणु लग्युं 

बंजा पुंगडा रडत डंणडीयूँ थै बथाणु लग्युं 
कै खूटी चुबो काँटों ओंथै निकलाण लग्युं 
मी अपरा अपरा मा ही बच्याणु लग्युं 

स्वामी विदेश छुडी ये आपरा गढ़ देश 
रैबार कखक पुह्च्न्द घुघती बुलाण लग्युं 
मी अपरा अपरा मा ही बच्याणु लग्युं 

खैरी विपदा पल्याना बाणीगै समस्या 
माया पीछे बाणीगै जोगीयुं थै ध्यै लगाण लग्युं 
मी अपरा अपरा मा ही बच्याणु लग्युं 

मुजफ्फरनगर कांड शहीदों थै भुलाण लग्युं 
ओं शहीदों का ह्त्यारों थै मी खुद बचाण लग्युं 
मी अपरा अपरा मा ही बच्याणु लग्युं 

राजधानी कै मसले को विवाद उल्झाणु लग्युं 
गैर गैर करैकी गैरसैण को गैर बाणाण लग्युं 
मी अपरा अपरा मा ही बच्याणु लग्युं 

उथल पुथल मांची च म्यार गढ़देश मा भूलों इणी
मी हाथ मा हाथ धरी की माशा मारण मा लग्युं 
मी अपरा अपरा मा ही बच्याणु लग्युं 

आपरी आपरी दगडी बच्या की इत्गा साला चली गैण
ओ गयां सालों थै मी केले बिसरण मा लग्युं 
मी अपरा अपरा मा ही बच्याणु लग्युं 

मी अपरा आप मा ही बच्याणु लग्युं 
दुनीया क्या च खुद थै समजाणु लग्युं 
मी अपरा अपरा मा ही बच्याणु लग्युं 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी 
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