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इन्तजार


इन्तजार 

तनहाई गाती 
परछाई साथ चलती है 
तन्हाई संग अकेला 
बस सांसें ओर वो मेला 
तनहाई गाती 

यादों के समन्दर 
तैरता वो चेहरा 
आती जाती लहरें 
वो झुल्फों का बसेरा 
तनहाई गाती 

मंजर वो साथ 
इस दिल के पास 
कभी साथ साथ 
बस रह गयी याद 
तनहाई गाती 

तरनुमा गूंजा रहा 
बस खामोशी के साथ 
तन्हाई का वो समा 
बस एक इंतजार 
तनहाई गाती 

तनहाई गाती 
परछाई साथ चलती है 
तन्हाई संग अकेला 
बस सांसें ओर वो मेला 
तनहाई गाती 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत


बालकृष्ण डी ध्यानी
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