घै घै ना कर दीदा
घै घै ना कर दीदा
जर सोच जरा तु
आपरी तु छुडा जरा
उत्तरखंड की सोच जरा तु
घै घै ना कर दीदा
कंण बदली गईण
मेर कुमो गढ़वाल
उजड़ा होंयाँ डाणड़
रीटा होंयाँ ये गढ़
घै घै ना कर दीदा
जर सोच जरा तु
आयी चुनवा गढ़ मा
उत्तरखंड की सोच जरा तु
गैर भी अब गैर हूँयूँ
दूँण मा अब थ्ग्ल्या लागा तु
गढ़ की ना अब बात कर
आपरी छुंयीं लगा तु
घै घै ना कर दीदा
जर सोच जरा तु
बेटी ब्वारी बुअडी बुआड़
थै वोट बारे मा अब समझा तु
खैरी विपदा को गढ़ दीदा
मेर दगडी दगडी हीट तु
वे थै ही वोट देकी जीता तु
गढ़वाल आगे बडाला जो
घै घै ना कर दीदा
जर सोच जरा तु
अब भी ना टैम गयाई दीदा
जरा आपरी बुधी चला तु
३० जनवरी उत्तरखंड
गढ़ मा चुनवा छे दीदा
सब थै जगा अब जगा तु
अपरा गढ़ थै दीदा आगे बड़ा तु
घै घै ना कर दीदा
जर सोच जरा तु
आपरी तु छुडा जरा
उत्तरखंड की सोच जरा तु
घै घै ना कर दीदा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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