एक बात बड़ी पीड़ा दयाई
एक बात बड़ी पीड़ा दयाई
दिल्ली दिल लुछी ग्याई
मेरा गढ़ देश का वासी
अब बस दिल्ली का व्हाई
पहड़ी बोली अब गैर हुग्याई
एक बात मी थै बड़ी पीड़ा दयाई
जब मीलों मी जीथे भी
भै बन्दों दगडी बोली मील अप्डी बोली
वो बन्दा ला हींदी मा आपरा मुख खोली
मी समझाल ये बोली कभी भाषा णी होली
एक बात मी थै बड़ी पीड़ा दयाई
हिंदी णीच गैर वो म्यार देश की भाष
मान छ मी छुं हिन्दुस्तनी उत्तरखंडी
पर तरस जंदु नयी पीडी का मुखमा
सुणा को मेर ये गढ़वाली बोली
एक बात मी थै बड़ी पीड़ा दयाई
एक बात बड़ी पीड़ा दयाई
दिल्ली दिल लुछी ग्याई
मेरा गढ़ देश का वासी
अब बस दिल्ली का व्हाई
पहड़ी बोली अब गैर हुग्याई
एक बात मी थै बड़ी पीड़ा दयाई
भुल्हों तुम थै पीड वहाई गड्वाली बोली बचाव भाष बनवा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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