आज़ाद है
स्वतन्त्र है
या बाधारहित है
इस आज़ाद देश मै ?
आज ......
आदमियत मनुष्यता शिष्टता
ना जाने कंहा लुप्त होई इस देश मै
हर व्यक्ति आज यंहा
सच्चा, नेक ओर क्या एक निष्ट है ?
आज ......
इच्छा, लालसा, आशा, अभिलाषा ही
रोंन्द रही है सच्चाई विचारों की
भविष्य में अंधकार ही क्यों आगे
आज छया है अब इस तरहं
आज ……
समृद्ध, अमीर, सन्तुष्ट पापी, दोषी
सरल, सुगम, सहज विचरित हैं इस देश मै
अश्रु के बूंदे छलकती क्यों नहीं एक ही इस भेष मै
आज़ाद देश क्यों नहीं लै रहा निश्वास, दीर्घश्वास ?
आज .......
हर एक यंहा पर
बौख़लाया घबराया और भ्रमित सा
आतंका के छत्र मै इस तरह जी रहा है वो
धीमे से लहू के घुट जैसे पी रहा है वो
आज ..........
आज़ाद
आज हर कोई क्या ?
आज़ाद है
स्वतन्त्र है
या बाधारहित है
इस आज़ाद देश मै ?
आज ......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ