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आंखें


 

आंखें 

इन आँखों से जरा 
कह देना ऐ दिल 
धडके तो अब होलै होलै 

इन पलकों तले 
लग जा तो गले 
अब तो होलै होलै 

सुबह शमा बस अब 
इनके ही इशारे से 
ढले वो भी होलै होलै 

वकत भी ना गुजरे देखो 
अब उन्हे देखे बिना
नजरें खोजें होलै होलै 

एक तरनुम हो या एक 
छलकता होआ जमा हो 
कैसे बयां करों होलै होलै 

काशीस हो तुम तुफान हो
या शीतलता का वरदाना हो
मुझे छुना पर होलै होलै 

एक नशा एक प्यास हो
या तो किसी की आस हो 
चाहता है तुम्हे वो होलै होलै 

बस अब दिल ही डोले
मारे अब वो हिचकोले 
प्रेम के अब होलै होलै 

इन आँखों से जरा 
कह देना ऐ दिल 
धडके तो अब होलै होलै 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com 
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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