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बात


 
बात 

कल जो एक बात होयी 
जो आज भी साथ साथ आयी 
क्या वो तुम्हरे भी पास आयी 
जो कल एक बात होयी .........................

क्या वो बात होयी 
क्यों वो साथ साथ आयी 
फिर क्यों तुम्हरे पास आयी 
जो कल एक बात होयी .........................

बात का काम ही है 
एक के पास से दुजे पास जाना 
जो निकली वो तो कंही ना कंही जायेगी 
क्या तेरे पास आयी 
क्या मेरे पास आयी 
जो कल एक बात होयी .........................

लेकिन क्या वो बात थी 
जो निकली थी और आयी साथ साथ 
लेकीन वो बात थी जो निकली थी 
आयेगी वो तो साथ साथ 
खैर वो बात थी बस बात थी 
सम्भाल जाओ अब जब वो निकलेगी 
वो तो जरुर आयेगी साथ साथ 
जो कल एक बात होयी .........................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com 
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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