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पेट्रोल


पेट्रोल 

हर एक इंसान सटक होआ है 
आगा से ज्याद पेट्रोल भड़का होआ 
अब तो बस होआ 
मेरे पीछे पड़े सबके सब 
मामला संसद नेतओं के बीच लटक होआ है 

टमाटर आलु सा मेरा हाल है 
अब मै उछालता हों बीच बाजार है 
छु राहों ऊँचा आसमान हों 
गरीबों से छुटा मेरा साथ है 

नेतओं की बोली मै बोलने लगा हों 
आटे चावल का भवा सर चड़ने लगा है 
दिल हर उसका अब टूटने लगा है 
सपना कोसों दुर भागने लगा है 

पेट्रोल के नाम से आती है रोढ 
हर एक को मै पीछे छोड़ आगे दौड
पेट मै कब्ज सा अब बहने लगा है 
दर्द मेरा आँखों से कहने लगा है 

पेट्रोल पेट्रोल शोर हर और क्यों 
मेरे नाम के पीछे मची होडा क्यों 
बार बार उछालता मेर दाम क्यों 
नेता क्यों नही देते मुझे आराम क्यों 

हर एक इंसान सटक होआ है 
आगा से ज्याद पेट्रोल भड़का होआ 
अब तो बस होआ 
मेरे पीछे पड़े सबके सब 
मामला संसद नेतओं के बीच लटक होआ है 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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