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बरखा क्ख्क अब लुकीगै


बरखा क्ख्क अब लुकीगै

माँ गंगा जी को देश ..२
होंयूँ यख सब तीसा तीसा,माँ गंगा जी को देश
बूंद बूंद को तडप्रणु मन,माँ गंगा जी को देश

माँ गंगा जी को देश ..२
उमली उमाल फ़ैलयूँ,माँ गंगा जी को देश
गरमा की ज्वार फ़ैलयूँ,माँ गंगा जी को देश

माँ गंगा जी को देश ..२
तपरणी स्वर्ग धरती,माँ गंगा जी को देश
बणी अब यख मरुस्थल,माँ गंगा जी को देश

माँ गंगा जी को देश ..२
काला काला बादल हर्ची,माँ गंगा जी को देश
पाणी बाण अब रुपया खर्ची,माँ गंगा जी को देश

माँ गंगा जी को देश ..२
इंद्र देबता दैणु व्हैजा,माँ गंगा जी को देश
तिसलू भूमी गढ़ देशा की ,माँ गंगा जी को देश

माँ गंगा जी को देश ..२
अख्यूं का अंशु भी सुखीगै,माँ गंगा जी को देश
क्या वहाई ऐ बरसी,माँ गंगा जी को देश 

माँ गंगा जी को देश ..२
बरखा क्ख्क अब लुकीगै,माँ गंगा जी को देश
म्यार देबता अब रूठीगै,माँ गंगा जी को देश 

माँ गंगा जी को देश ..२
म्यार डैम को देशा,माँ गंगा जी को देश
वैकु पाणी क्ख्क चलीगै ,माँ गंगा जी को देश

माँ गंगा जी को देश ..२
होंयूँ यख सब तीसा तीसा,माँ गंगा जी को देश
बूंद बूंद को तडप्रणु मन,माँ गंगा जी को देश

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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