ADD

भूख मै


भूख मै 

भुखा एक दिन रहा मै
तब पत्ता चला भुख क्या है 
पीने को ना पानी ना मीला
तब पत्ता चला प्यास क्या है 
तब पत्ता चला भुख क्या है ........................

जब बड़ी छुटी आंत सीकोड ने लगी 
साँस फेफड़ों मै यूँ दबने लगी
पेट मे जब मरोड उठने लगा 
आंखें जब मन को पड़ने लगे 
तब पत्ता चला भुख क्या है ........................

भुख प्यास चेहरे पर उभरने लगी 
उन की याद मुझे आने लगी 
दिल मेरा इतना व्याकुल हो आज
जिनको कई दिनों से ना मीला अनाज 
तब पत्ता चला भुख क्या है ........................

आँखों से बहा निकली है धार
पानी पानी की हर ओर पुकार 
बंजार भुमी बनी रेगीस्तान
अन्न का दाना खो गया आज 
तब पत्ता चला प्यास क्या है .....................

भुखा एक दिन रहा मै
तब पत्ता चला भुख क्या है 
पीने को ना पानी ना मीला
तब पत्ता चला प्यास क्या है 
तब पत्ता चला भुख क्या है ........................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ