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घुटी दारू की


घुटी दारू की

बल बरसा पैल मोरी सासू 
अब पोडी ऐ अन्खोयाँ मा आंसूं
दँणमण दँणमण छुटीगै रै दीदा 
पैल धारा की गै जब ऐ तंसु दीदा 
घुटी दारू की घुटी दीदा ....२

गों गोठ्यार मा झपी दीदा 
टुंडा वहैकी कुल्हाँण लुकी दीदा ...२
गररर्रर्र दारू दगडी लमडी दीदा
गदनीयुं पडै की मुंडा फूटी दीदा ..२ 
दँणमण दँणमण छुटीगै रै दीदा 
पैल धारा की गै जब ऐ तंसु दीदा 
घुटी दारू की घुटी दीदा ....२

बाटा बाजारों मा मारा रिंगा 
दारू की थैली का बीज बोत्यां ...२ 
चाला नुना अब सब खती गयां
ब्यो बरती मा सब झांजी होंयाँ...२ 
दँणमण दँणमण छुटीगै रै दीदा 
पैल धारा की गै जब ऐ तंसु दीदा 
घुटी दारू की घुटी दीदा ....२

कंण होईं ये गढ़ा मा दारू दारू 
दारू बीना सब वहैगे गैरु 
बेटी ब्वारी की विपदा घेरुहो 
आपरा लोगों की जमा मारू
दँणमण दँणमण छुटीगै रै दीदा 
पैल धारा की गै जब ऐ तंसु दीदा 
घुटी दारू की घुटी दीदा ....२

बल बरसा पैल मोरी सासू 
अब पोडी ऐ अन्खोयाँ मा आंसूं
दँणमण दँणमण छुटीगै रै दीदा 
पैल धारा की गै जब ऐ तंसु दीदा 
घुटी दारू की घुटी दीदा ....२

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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