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तू केले भूल ग्याई


तू केले भूल ग्याई 

जब मील तीथै आवाज दयाई
मेरी हक़ को उत्तर तिल कीले णी दयाई...२
ऐ जीकोडी ने धकदयाट क्याई 
अन्खोयुंल मेर रागरयाट क्याई 
जब मील तीथै आवाज दयाई
मेरी हक़ को उत्तर तिल कीले णी दयाई...२

ब्याला परसी देखी मील तेथे 
तिल कीले मी देखेकी अपरी मुखडी लुकाई 
झंण क्या बात वहाई तू कीले रूसाई
मी मन मेरु णी रैंदु ते देखी बीण ऐजा ऐजा तै डालीयुं मुंड 
जब मील तीथै आवाज दयाई
मेरी हक़ को उत्तर तिल कीले णी दयाई...२

बरसों पूराणी प्रीत हमारी गेल्याणी
अपरा गेल्या थे तू केले भूल ग्याई 
आपरी माया दीण आपरी वा छुंयीं 
मी थै याद रै तू कीले भूल ग्याई 
जब मील तीथै आवाज दयाई
मेरी हक़ को उत्तर तिल कीले णी दयाई...२

जब मील तीथै आवाज दयाई
मेरी हक़ को उत्तर तिल कीले णी दयाई...२
ऐ जीकोडी ने धकदयाट क्याई 
अन्खोयुंल मेर रागरयाट क्याई 
जब मील तीथै आवाज दयाई
मेरी हक़ को उत्तर तिल कीले णी दयाई...२

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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