आवा लुटा
कंन देखैणुच मयारू ऐ हिमाल
कंन देखैणुच मयारू कुमो-गढवाला
रीता रीता वो डंडा कंठी
बंजा पुंगडा उघडा घाटी
कूड़ा मा लगा जीकडॉ का ताल
कंन देखैणुच मयारू ऐ हिमाल
कंन देखैणुच मयारू कुमो-गढवाला
माया चाभी घुमाया सारा
तेडा-मेडा घुमैरी मोड़ा का धारा
कैकु बोलण सबुल कैल किनार
कंन देखैणुच मयारू ऐ हिमाल
कंन देखैणुच मयारू कुमो-गढवाला
खुदेण खुदयाली सबूण भोरयाली
डैम का टुक तक आपरून लुटयाली
पलायन का बीज बल ओर पनप्याली
कंन देखैणुच मयारू ऐ हिमाल
कंन देखैणुच मयारू कुमो-गढवाला
आवा लुटा प्रगती नाम १००% छुटाच
बोली लगीच अपरा बीजच ख्त्युंच
कैंम धैये लगाण कु आपोडच
कंन देखैणुच मयारू ऐ हिमाल
कंन देखैणुच मयारू कुमो-गढवाला
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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