ADD

दर्द की जुबान

दर्द की गर जुबान होती 
तो वो भी आकर कहता 
अचानक ना आकर घेरता तुझको 
दरवाज पे आकर तेरे 
वो भी तो दस्तक देता 
दर्द की गर जुबान होती 

आपका ध्यानी 
बालकृष्ण डी ध्यानी
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