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तब जै हरी याद ऐई


तब जै हरी याद ऐई 

खैरील जब मी घेरू 
विपदाल मारू थापेडू...२ तब जै हरी याद ऐ
जय बद्रीविशाल बद्रीधाम 
बद्री नरायांण मेरु भगवान 

टाक्कोंल मीथै भरमाया 
मायाल पीछणे पीछणे बोग्गाया .२ 
कुछणी आई हाथ वख 
मी रहई बस जस का तस 
जूणी तेथे मेर अकल ऐ 
तब मन मयारू बोलण लगे 
जय बद्रीविशाल बद्रीधाम 
बद्री नरायांण मेरु भगवान 


खैरील जब मी घेरू 
विपदाल मारू थापेडू...२तब जै हरी याद ऐ
जय बद्रीविशाल बद्रीधाम 
बद्री नरायांण मेरु भगवान 

सुख मा बिसरी तू मीथै
दुख मा तै अब याद आणु मी ..२
नाराल फुल बत्ती तू किले चड़े
लालच इछा मन धरी तू 
लाल माट की सीडी तू चड़े 
पर चक्रों पर चक्रधरी मी 
माया रहीत मुंड तू झुखे 
चिंता हरण बली हरी मी 
जय बद्रीविशाल बद्रीधाम 
बद्री नरायांण मेरु भगवान 

खैरील जब मी घेरू 
विपदाल मारू थापेडू...२ तब जै हरी याद ऐ
जय बद्रीविशाल बद्रीधाम 
बद्री नरायांण मेरु भगवान 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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