मन मयारू
मनो छुंयी मेरी ..२
म्यार स्वामी से लगे दे
बोल उनथै ..मनोउथे ..२
ऐ ...ऐतवार मीथै
देहरदूण बाजार घुमै दे
बथों छुंयी मेरी
स्वामी से लगे दे ......
देहरदूण रोनक लगी
वख बड़ा बड़ा मॉल खोल्यां
वो मॉल मीथै फिरे... स्वामी
एक गढ़वाली फिल्म दिखेदे
पोपकोन पिजा स्वादु चखैदे
ऐ ...ऐतवार मीथै
देहरदूण बाजार घुमै दे
मनो छुंयी मेरी
म्यार स्वामी से लगे दे ......
बिंदी नथुली धुतली फरका
कुछ भी नीचे स्वामी मेरु पास
फटयां फटयां थ्गोली सी सीलींच
पैन पैन की ऐ जेकोडी ऊभीचा
एक जामा की सड़ी खरीदा स्वामी
ऐ ...ऐतवार मीथै
देहरदूण बाजार घुमै दे
मनो छुंयी मेरी
म्यार स्वामी से लगे दे ......
मन लोभ मन दडगयाई
गीची निर्दई चुपी ही रहई
तेरा समण जब जब आई स्वमी
तुम्हर मायाल कुछ बोलण णी दयाई
ऐ ऐतवार भी सुधी ही गयाई
ऐ ...ऐतवार मीथै
देहरदूण बाजार घुमै दे
मनो छुंयी मेरी
म्यार स्वामी से लगे दे ......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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