आंखी क्या बोंदी
सुर्म्याली अन्खोंयुं का .....सुरमा क्ख्क हर्ची
नका की नथुली....२ क्ख्क ग्याई परसी..२
सुर्म्याली अन्खोंयुं का ...
गाला का गुलोबंद स्वामी गाला का गुलोबंद
बेच बेच की स्वामी रैगै बल कालो धागा को गंडा
परसी नथुली की बेलचा
अब स्वामी सुर्म्याली अन्खोंयुं मा आंसूं की रेघ चा
देख्याली देख्याली मील तेरा हाथ की चूड़ी पैरा का पैजण
छम छम खंण खंण हीटणु तेरु क्ख्क लुकी गयाई
बंजा पड़यूँ पुंगड रीटा रीटा डंडा स्वामी
कंण हिटण छम छम पैजाण मा पड्यां कंडा
सोना की चूड़ी बिकी स्वामी कंचा की चूड़ी टूटी
अब कंण बजालो कंण हिट्लो छम छम खंण खंण
सोच्याली सोच्याली मील मन धैरयाली
सब छोड़ छाडा की मी आणुच मेरु घार मेरु गढ़वाल
ना सोचा ना देर करा स्वामी पैली गाडी णी पैहल करा
दोई रोटी लुणा दगड़ स्वामी स्वाद णी आन्दु तुम्हरा बगैर
भैर भैर रैकी आप ना अब आबैर करा
लोगों की सीखैसैर छोडी की मुल्क थै ना अब भैर करा
सुर्म्याली अन्खोंयुं का .....सुरमा क्ख्क हर्ची
नका की नथुली....२ क्ख्क ग्याई परसी..२
सुर्म्याली अन्खोंयुं का ...
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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