तेरी
तेरी आंख से निकले आंसूं
एक एक वो मोती होंगे
ऐ ही तेरी रहा के आगे चलकर
मलाल पथ के ज्योती होंगे
दिल से निकली है दुवा तेरे लिये
सरहदों की दीवारों को तोड़ते हुये
जल्द ही तू ठीख हो जाये तू
ऐ खुदा से ये ही है दुवा
तेरी आंख से निकले आंसूं
एक एक वो मोती होंगे........
नारी के रथ की सारथी बनना
अभी तुझे बहुत ओर भी बहुत कुछ है सहना
तप के ही कुंदन सोना हो जायेगा
हिना को पीसकर ही हाथों पर रचा जायेगा
तेरी आंख से निकले आंसूं
एक एक वो मोती होंगे........
साथ तेरे है अब सारा जन्हा
मोमबती की लो पर हर दिल की दुवा
वो गोली तेरे पर चली ...वो है डरा रहा
निडर होकर पथ पर पग अपना आगे बड़ा
तेरी आंख से निकले आंसूं
एक एक वो मोती होंगे........
तेरी आंख से निकले आंसूं
एक एक वो मोती होंगे
ऐ ही तेरी रहा के आगे चलकर
मलाल पथ के ज्योती होंगे
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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