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बन डाली


बन डाली 

एक डाली जमी 
जीवन (हैरु भैरू कैगे)..२ 
तैकु मीलू जीवन यख 
क्या कैगे बल तू क्या कैगे
एक डाली जमी 
सरू जीवन (हैरु भैरू कैगे)..२ 

डाली जाणी सोचीले
फुल जाणी यख फुलीले
माटो,मन मा खेल ना कर 
माया माया मा भेद ना कर 
एक डाली जमी 
जीवन (हैरु भैरू कैगे)..२ 
तैकु मीलू जीवन यख 
क्या कैगे बल तू क्या कैगे
एक डाली जमी 
सरू जीवन (हैरु भैरू कैगे)..२ 

ढुंगा बदल ढुंगा 
ना चुलाहा यख भुलहा 
मीठू मीठू फल 
अपरी गिचु से गिरे दे 
डाली जाणी सीखे सैर लगेदे 
एक डाली जमी 
जीवन (हैरु भैरू कैगे)..२ 
तैकु मीलू जीवन यख 
क्या कैगे बल तू क्या कैगे
एक डाली जमी 
सरू जीवन (हैरु भैरू कैगे)..२ 

डाली जण बनरे तू 
ना बण पायी गर ना कै खंत तू 
एक डाली त जमै तू
ना जमै तिल डाली तर
अखेर मा कैल फुकेल तू 
एक डाली जमी 
जीवन (हैरु भैरू कैगे)..२ 
तैकु मीलू जीवन यख 
क्या कैगे बल तू क्या कैगे
एक डाली जमी 
सरू जीवन (हैरु भैरू कैगे)..२ 


एक उत्तराखंडी 

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत 

बालकृष्ण डी ध्यानी
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