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ऐ मौला


ऐ मौला

ऐ मौला सब देखता है
ऐ मौला सब तोलता है
किसी को कुछ ज्यादा
किसी को कुछ कम मिलता है
ऐ मौला रहम मौला रहम
कर दे उन नूर आँखों से करम
ऐ मौला सब देखता है
ऐ मौला सब तोलता है ...........

किसी को सब मिलता इस पल में
कोई लुट जाता है इस पल में
वो पल पल हिसाब रखता है
फलक पर वो साफ दिखता है
ऐ मौला रहम मौला रहम
कर दे उन नूर आँखों से करम
ऐ मौला सब देखता है
ऐ मौला सब तोलता है ...........

कुछा नहीं उससे छुपा है
पानी वो झम झम का जैसे
निर्मल शीतल मीठा वो जल है
कल कल करे कल्वर चंचल
सब कुछ यंह पर बिछा है
ऐ मौला रहम मौला रहम
कर दे उन नूर आँखों से करम
ऐ मौला सब देखता है
ऐ मौला सब तोलता है ...........

ऐ मौला सब देखता है
ऐ मौला सब तोलता है
किसी को कुछ ज्यादा
किसी को कुछ कम मिलता है
ऐ मौला रहम मौला रहम
कर दे उन नूर आँखों से करम
ऐ मौला सब देखता है
ऐ मौला सब तोलता है ...........

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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