बुढया
बड़ ब़डाणू बुढया
खटुली मा तपराणू बुढया
खैंसी खैंसी की बुढया कू
जी मचलाणू बुढया
बड़ ब़डाणू बुढया ..........
लपक झपक खीर
सपड़ा सबोड़ी सबक
हुक्को को खुरा खुर मा
लारू कू तम्बखो टपक
बड़ ब़डाणू बुढया ..........
बीड़ी कू धुओंयेडू
वार पार कोयेडू झडप
टोप्लू मोड़ामा धैरी
बांसा डांडू को टरक
बड़ ब़डाणू बुढया ..........
मखा मखा सा जम्या
मुछा का जुमा सी फुल्यां
ऐणक ऐङ्का पटक
एक शीश तब चरक
बड़ ब़डाणू बुढया ..........
कैका बाणा खोलयाणु बुढया
कैका बाटा खोजयाणु बुढया
उमरी का ऐ मोड़ा मा ऐकी
किले दडमण आंसूं टपराणू बुढया
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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