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तेरहा बरस गैनी


तेरहा बरस गैनी
आज बाणयूँ चा मी ब्योला

तेरहा बरस बीत गैनी
तेरहा चौमासा गैनी
आज हुन्याँच मेरु लग्न
आज का दिन पैनी चा मिल सैर
आज ब्योन्चा मी ब्योला

धिन्ग्तालो धिन्ग्तालो दगाड्यों
धिन्ग्तालो धिन्ग्तालो
ढोल दामू बजवा रै दगाड्यों माशों बजा लावा रै
धिन्ग्तालो धिन्ग्तालो दगाड्यों
धिन्ग्तालो धिन्ग्तालो

इन जानी की ब्याल की ई बात चा
कंन दिन राती गुजरी गैनी
वो ब्योली मेरी दोई नुनो की बोई चा
म्यार नुना नूनी थै भी नचवा रै
आज का दिन पैनी चा मिल सैर
आज ब्योन्चा मी ब्योला

धिन्ग्तालो धिन्ग्तालो दगाड्यों
धिन्ग्तालो धिन्ग्तालो
ढोल दामू बजवा रै दगाड्यों माशों बजा लावा रै
धिन्ग्तालो धिन्ग्तालो दगाड्यों
धिन्ग्तालो धिन्ग्तालो

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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