उत्तरायणी मेला
ऐ बोई
मेला लग्युं चा
नीलेश्वर भीलेश्वर शिखर मा
बागेश्वर धरा मा उत्तरायणी मेला लग्युं
कुमो गढ़वाल मा
श्रद्धालु, भक्तजन आणा
ओंदी वो दूर दूर भ्तेक की
मुडंन, जनेंऊ सरंकार
रीत करणा बाण माँ
स्नान पूजा करी अर्चना
संगम मा डुबकी लगाण मा
अपरा पाप बोगाण मा
जबैर सूर्य छः माह दक्षिणायन
वा छः माह उत्तरायण रेहंदु
मकर संक्रान्ति बेला मा
सूर्य देबता उत्तरायण आंदु बोई
तब मकर संक्रान्ति दिनी
उत्तरायणी मेला लगदु बोई
ऐ बोई
मॆथै उत्तरायणी मेला घुमैदे
मेरु भाग जगा दे बागेश्वर दिखादे
वाख चरखी मा बिठे दे
पिंगला पिंगला जलेबी खिले दे
जौल्दी कर झट मेला ज़ोंल बोई
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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