ADD

मी बोल्या


मी बोल्या

औल्या ही औल्या रहाई
ऐ भी ग्याई वो भी ग्याई
मी बोल्या मी बोल्या
मी बोल्या य य आ मी बोल्या

जिकोडी गेड नी खोल अ सकी
गीचु से प्रेम च मी नी बोल सकी
मी बोल्या मी बोल्या
मी बोल्या य य आ मी बोल्या

य्खरा य्खरा रैग्युं सदनी कू
अपर थै भूलगीयूं परायूँ थै भी बिसरी गयूँ
मी बोल्या मी बोल्या
मी बोल्या य य आ मी बोल्या

खुल ना सकी बंद ही राई
पीड़ा मेरा मन मा ही रहाई
मी बोल्या मी बोल्या
मी बोल्या य य आ मी बोल्या

वो बाटों का मोड़ा गौं गोल्यों का घोल
आता जाता सड़ाकी छोर बुलादा मी
मी बोल्या मी बोल्या
मी बोल्या य य आ मी बोल्या

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ